वन विहार

संरक्षित क्षेत्र का नाम : वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल-जू भोपाल 
जिले का नाम : भोपाल
वनमंडल का नाम : वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल-जू भोपाल 
जी.पी.एस. : अक्षांश : 23 डिग्री 13 मिनिट 20.02 सेकिंड
देशांतर : 77 डिग्री 22 मिनिट 25.6 सेकिंड
क्षेत्रफल : कुल क्षेत्रफल - 445.21 हेक्टेयर 
बुकलेट : वन विहार राष्ट्रीय उद्यान-जू, भोपाल का माह अक्टूबर से दिसम्बर 2023 का न्यूज लेटर 2.31MB
जैव विविधता संरक्षण का इतिहास :

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बडे तालाब के पास की जिस पहाडी पर वन विहार स्थित है वह लगभग तीन दशक पूर्व वीरान थी और आबादी की मार से यहॉं का जंगल बरबाद हो चुका था । वर्ष 1981 में इस पहाडी के वनक्षेत्र का संरक्षण सघन रूप से शुरू हुआ और जल्दी ही यह पहाडी हरी भरी होने लगी। 26 जनवरी 1983 को पहाडी एवं उसके आस-पास के 445.21 हे. क्षेत्र को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा देकर वन विहार का नाम दिया गया।

लेंडस्केप का विवरण :

वन विहार में प्रकृति अपने सहज रूप में दिखती है। वन विहार का एक हिस्सा पहाडी पठार वाला है, जिसके ढलान में शुष्क पर्णपाती वन हैं तथा निचला मैदानी हिस्सा भोपाल के बडे तालाब से लगा हुआ है जिसका कुछ भाग (लगभग 50 हेक्टेयर) भी वन विहार का हिस्सा है, , जो कि सारे परिदृश्य को बहुत मनोरम बना देता है। तालाब के जल विस्तार में अठखेलियॉं करती लहरें, यहां-वहां उडते जल पक्षी अद्भुत सौंदर्य की रचना करती हैं। शाम के समय बडे तालाब के पार अस्त होते हुये सूर्य को देखना अपने आप में एक रोमांचकारी अनुभव है।

वन का प्रकार : शुष्क पर्णपाती वन
वनस्पति एवं वन्यप्राणी : वन विहार का वनक्षेत्र शुष्क पर्णपाती विरले जंगल के वर्ग में आता है। यहां पेडों की जो खास प्रजातियॉंं पाई जाती हैं वे हैं - बेल, इमली, बबूल, अमलतास, रेओझा, दूधी, लेंडिया, साजा, आंवला, तेंदू एवं सीताफल। यहॉं कई किस्म की घास भी पाई जाती है। बाघ,सिंह, तेंदुआ, भालू, हायना, सियार, गौर, बारासिंगा, सांभर, चीतल, नीलगाय, कृष्णमृग, लंगूर, जंगली सुअर, सेही, खरगोश, मगर, घडियाल, कछुआ एवं विभिन्न प्रकार के सर्प आदि हैं।
रहवास का विवरण : वन विहार में काफी संख्या में वन्यप्राणी हैं। शाकाहारी वन्यप्राणी पूरे वन विहार में खुले रूप में विचरण करते हैं। इनमेंं सांभर, चीतल, नीलगाय, कृष्णमृग, लंगूर, जंगली सुअर, सेही, खरगोश आदि हैं। मांसाहारी वन्यप्राणियों को बडे-बडे बाडों में रखा गया है।
पर्यटन जानकारी :

विहार वीथिका, प्रकृति व्याख्या केंद्र चीकू द्वार गेट क्र. 02 पर स्थित है । इसी स्थल पर पर्यटकों हेतु वाईल्ड कैफे तथा मुख्य मार्ग पर दो कियोस्क स्थापित किये गये हैं। पर्यटकों हेतु स्वच्छ जल उपलब्ध कराने हेतु वाटर कूलर लगाये गये हैं तथा विभिन्न स्थलों पर जन सुविधा केंद्र बनाये गये हैं।

  • पर्यटन प्रवेश द्वार का विवरण : प्रवेश द्वार क्र. 01 रामू द्वार वोट क्लब की ओर एवं प्रवेश द्वार क्र. 02 चीकू द्वार भदभदा की ओर।
  • पर्यटन जोन : मुख्य मार्ग से 05 कि.मी. में चिडियाघर के विभिन्न बाडों में वन्यप्राणीयों को रखा गया है। शाकाहारी वन्यप्राणी सफारी - वन विहार के अंदरूनी क्षेत्र में 8 कि.मी. लम्बाई में 90 मिनट अवधि में शाकाहारी वन्यप्राणी सफारी संचालित है।
  • पर्यटन धारण क्षमता : लगभग 5000 पर्यटक
  • ठहरने की व्यवस्था :
    ठहरने की व्यवस्था कमरों की संख्या बिस्तरों की संख्या
    निरंक निरंक निरंक
  • रेल मार्ग : भोपाल रेलवे स्टेशन से लगभग 08 कि.मी. तथा हबीबगंज रेलवे स्टेशन से लगभग 6.5 कि.मी. ऑटो एवं टेक्सी के द्वारा पहुंचा जा सकता है।
  • सड़क मार्ग :  स्वयं के वाहन से अथवा ऑटो एवं टेक्सी के द्वारा पहुंचा जा सकता है।
  • वायु मार्ग : राजाभोज विमान तल से लगभग 17 कि.मी. टेक्सी आदि से पंहुचा जा सकता है ।

 

वेबसाइट संबंधी विवरण : vanviharnationalpark.org
क्षेत्र की विशिष्टता : वन विहार मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शहर के मध्य बडे तालाब के पास स्थित है। इसको राष्ट्रीय उद्यान के साथ-साथ केंद्रीय चिडियाघर प्राधिकरण से स्मॉल जू की मान्यता प्राप्त है साथ ही यहॉं पर रेस्क्यू सेंटर भी स्थापित किया गया है। यहॉं लावारिश, कमजोर, रोगी, घायल, बूढे अथवा वन में भटके हुये वन्यप्राणियों तथा मदारियों से छुडाये गये भालूओं को भी रखा गया है। 
सम्पर्क सूत्र :
  • पता - वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भदभदा रोड सैर सपाटा के पास भोपाल - 462003
  • फोन - 0755-2674278 फैक्स - 0755-2674278
  • ई-मेल - dirvvnp.bpl@mp.gov.in

भ्रमण :

बोट क्लब के पास रामू गेट से भदभदा के पास चीकू गेट तक वन विहार के अंदर प्रकृति एवं वन्यप्राणियों का पूरा आनंद लेने के लिये आपको लगभग 5 किलोमीटर चलना पडता है । यदि आप साथ में दूरबीन और कैमरा लाते हैं तो आपका भ्रमण और भी रोमांचक बन सकता है । पक्षी देखने में रूचि रखने वाले लोग अपने साथ पक्षियों के बारे में कोई मार्गदर्शिका लायें तो वे वन विहार में कई पक्षियों को पहचान सकते हैं ।

जंगली जानवर :

वन विहार में काफी संख्या में जंगली जानवर हैं । शाकाहारी जंगली जानवर पूरे वन विहार में खुले रूप में विचरण करते हैं । इनमें सांभर, चीतल, नीलगाय, कृष्णमृग, लंगूर, जंगली सुअर, सेही, खरगोश आदि हैं । मांसाहारी जानवरों को बडे-बडे बाडों में रखा गया है । मांसाहारी जानवरों में बाघ, सिंह, तेंदुआ, लकडब्ग्गा और रीछ आदि हैं । इनके अलावा पार्क में घडियाल, मगर, कछुए एवं अनेक प्रकार के सर्प भी हैं ।

वनस्पति :

वन विहार का वन क्षेत्र शुष्क पर्णपाती विरले जंगल के वर्ग में आता है । यहां पेडों की जो खास प्रजातियां पायी जाती हैं वे हैं - बेल, इमली, बबूल, अमलतास, रेओंझा, दूधी, लेंडिया, साजा, आंवला, तेंदू एवं सीताफल । यहॉं कई किस्म की घास भी पायी जाती है । वन विहार के निचले मैदानों में गाजरघास, चकौंडा, धतूरा एवं वन तुलसी फैली हुई है ।

जलविस्तार :

वन विहार में हमें प्रकृति अपने सहज रूप में दिखती है और वन विहार से लगा हुआ भोपाल के बडे तालाब का कुछ भाग (लगभग 50 हे.) भी वन विहार का हिस्सा है, जो कि सारे परिदृश्य बहुत मनोरम बना देता है । तालाब के जलविस्तार में अठखेलियां करती लहरें, यहां-वहां उडते जल पक्षी और तालाब में पर्यटकों को विहार कराती नौकाएं एक अद्भुत सौंदर्य की रचना करती हैं । शाम के समय बडे तालाब के पार अस्त होते हुये सूर्य को देखना अपने आप में एक रोमांचकारी अनुभव है ।

विहार वीथिका :

वन विहार के चीकू द्वार पर स्थित विहार वीथिका को देखना उपयोगी होगा। यहां छायाचित्रों, मॉडल एवं नक्‍शों के द्वारा प्रकृति खासकर वन विहार के बारे में बताया गया है । यहॉं पर जानवरों, पारिस्थितिकी, आवास क्षेत्र और उनकी आदतों के बारे में भी बताया गया है । विहार वीथिका में वन विहार के वन्यजीवों से संबंधित सोवेनियर जैसे - टी शर्ट, बैज, स्टिकर्स, कैप्स एवं कुछ पुस्तकें आदि बिक्री के लिये रखी हैं ।

स्नेक पार्क :

वन विहार में पूर्ण विकसित स्नेक पार्क स्थापित है । वन विहार के स्नेक पार्क में विषैले सांपों में किंग कोबरा, कोबरा, रसैल वाइपर एवं करैत वहीं विषहीन सर्पों में धामन, चैकर्डकीलवैक, सैंड बोआ एवं अजगर आदि मुख्य हैं । वन विहार में सर्पों को सम्पूर्ण भोपाल शहर से रेस्क्यू कर लाया जाता है । स्नेक पार्क में इनकी संख्या क्षमता से अधिक हो जाने पर इनके प्राकृतिक आवास सुदूर जंगलों में ले जाकर छोड दिया जाता है । वन विहार में प्रत्येक रविवार एवं अन्य अवकाश के दिनों में सर्प प्रदर्शन आयोजित कर पर्यटकों को सर्पों के बारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाती है ।

पक्षी विहार :

वन विहार में पक्षी भी काफी संख्या में देखे जा सकते हैं । अभी तक करीब 211 प्रजातियों के पक्षियों को चिन्हित किया गया है । वन विहार से लगी झील में ठण्ड के मौसम में अनेक विदेशी पक्षी देशांतर करके आते हैं और शीत ऋतु खत्म होते ही वे अपने मूल स्थानों को लौट जाते हैं । इनमें पेंटिड स्टार्क, वुलीनेक स्टार्क, किंग फिशर, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, शिकरा, मार्श हैरियर, टानी ईगल केस्टेरल आदि खास हैं ।

रेस्क्यू सेंटर :

वन विहार में मध्य प्रदेश का एक मात्र सर्वसुविधा सम्पन्न पूर्णरूपेण सुसज्जित रेस्क्यू सेंटर स्थापित है । इसमें वनों से भटके हुये मांसाहारी एवं शाकाहारी वन्यप्राणी, विभिन्न सर्कसों से एवं मदारियों से प्राप्त विभिन्न प्रकार के प्राणियों के रखने के लिये पर्याप्त व्यवस्था है । यहॉं पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये वन्यप्राणियों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करायी जाती है ।

नि: शुल्क प्रवेश :

1. 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे ।

2. स्कूल एवं कॉलेज के छात्र एवं छात्राओं का पूर्व सूचना के साथ 50% भुगतान पर प्रवेश की अनुमति । एक संस्था को वर्ष में केवल एक बार ही यह सुविधा उपलब्ध है ।

पार्क खुलने की अवधि एवं समय : वन विहार राष्ट्रीय उद्यान पूरे वर्ष खुला रहता है । (प्रत्येक शुक्रवार एवं होली, दीपावली तथा रंगपंचमी को छोडकर)

1. 16 फरवरी से 15 अप्रैल तक - प्रात: 6.30 बजे से सायं 6.30 बजे तक

2. 16 अप्रैल से 31 जुलाई तक - प्रात: 6.00 बजे से सायं 7.00 बजे तक

3. 01 अगस्त से 31 अक्टूबर तक - प्रात: 6.30 बजे से सायं 6.30 बजे तक

4. 01 नवम्बर से 15 फरवरी तक - प्रात: 6.30 बजे प्रात: से सायं 6.00 बजे तक

अवकाश के दिन :

प्रत्येक शुक्रवार, दीपावली, होली तथा रंगपंचमी ।

शुल्क : वर्ष 2017-18 हेतु निर्धारित प्रवेश शुल्क का विवरण : -

क्र. भ्रमण का प्रकार प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क (रू. में)
1. पैदल भ्रमण 20/-
2. साइकिल द्वारा भ्रमण (एक व्यक्ति) 30/-
3. दोपहिया वाहन (अधिकतम दो व्यक्ति) 60/-
4. आटो रिक्शा (चालक सहित अधिकतम 4 व्यक्ति) 120/-
5. हल्के चार पहिया वाहन (अधिकतम 5 व्यक्ति क्षमता वाले) 250/-
6. हल्के चार पहिया वाहन (5 व्यक्ति से अधिक की क्षमता वाले) 400/-
7. मिनी बस (अधिकतम 20 व्यक्ति की क्षमता तक) 1000/-
8. बस (20 व्यक्ति से अधिक की क्षमता वाले) 2000/-
9. सफारी भ्रमण (वन विहार के वाहन से) 50/-
10. प्रात: भ्रमण पास -
  मासिक पैदल - 300/-  साईकिल - 450/-
  वार्षिक पैदल - 3000/-  साईकिल - 4500/-
  आजीवन पैदल - 24000/-  साईकिल - 30000/-

वीडियो / फिल्मांकन / चित्रांकन / फोटोग्राफी हेतु दरों का निर्धारण

अवधि भारतीय शैक्षणिक या अनुसंधान संस्थान, भारत सरकार एवं राज्य सरकार के विभाग एवं संस्थान अन्य अभ्युक्ति
प्रथम सात दिन तक 10,000/- 40,000/- प्रति कैमरामैन प्रतिदिन
आठवें दिन से पंद्रहवें दिन तक 7500/- 30,000/-
सोलहवें दिन से आगे 5000/- 20,000/-
टीप :-

बिंदु क्र. 2 से 8 पर वाहन हेतु दरों में पर्यटकों का प्रवेश शुल्क सम्मिलित है।

क्र. 9 पर सफारी भ्रमण शुल्क बिंदु 01 से 08 तक दर्ज प्रवेश शुल्क के अतिरिक्त है।

सफारी भ्रमण हेतु कम से कम 6 पर्यटकों का होना आवश्यक होगा। पर्याप्त पर्यटक संख्या न होने पर इच्छुक पर्यटक चाहें तो 6 व्यक्तियों का सफारी शुल्क देकर सफारी कर सकेंगें।

 

पर्यटकों को सुविधायें :

1 बैटरी चलित वाहन

2 पेयजल सुविधा

3 टॉयलेट सुविधा

4 बैठने की सुविधा

5 सफारी सवारी

कैफेटेरिया :

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के चीकू द्वार पर झील की सीमा पर काष्ठ निर्मित कैफेटेरिया आकर्षण का केंद्र है । प्रथम तल पर पूर्ण रूपेण प्राकृतिक रूप से निर्मित लकडी की संरचना अपने आप में अनूठी है । कैफेटेरिया में बैठकर चाय नाश्ता के साथ बडी झील का दर्शन अपने आप में रोमांचकारी है ।

पक्षी अवलोकन :

प्रत्येक रविवार अथवा अन्य अवकाश के दिवसों में रू. 500/- 20 व्यक्तियों के समूह में पक्षी अवलोकन किया जा सकता है । इस हेतु एक दिन पूर्व शुल्क जमा करके पंजीयन कराना अनिवार्य होगा । प्रवेश शुल्क पृथक से देय होगा ।

जन चेतना :

वन विहार में पर्यटकों में जन चेतना का प्रचार-प्रसार हेतु साइनेज स्थापित किये गये हैं । इसके साथ-साथ वन विहार में आम जनों हेतु बर्ड वाचिंग कैम्प तथा विद्यार्थियों हेतु नेचर कैम्पों का आयोजन नियमित तौर पर किया जाता है ।

स्नेक शो :

प्रत्येक रविवार, द्वितीय एवं तृतीय शनिवार तथा अन्य अवकाश के दिनों में सरिसृप खण्ड में स्नेक शो आयोजित कर सांपों के बारे में पर्यटकों को सामान्य जानकारी दी जाती है ।

वन्यप्राणी अंगीकरण योजना :

प्रजाति वार्षिक राशि अर्धवार्षिक राशि त्रैमासिक राशि मासिक राशि
बाघ 200000 100000 50000 17000
सिंह 200000 100000 50000 17000
तेंदुआ 100000 50000 25000 9000
भालू 100000 50000 25000 9000
लकडबग्गा 36000 19000 10000 4000
जैकाल 30000 16000 9000 3500
मगर 36000 19000 10000 4000
घडियाल 50000 26000 14000 5000
अजगर 8000 4500 2300 800

वन विहार पहुंच मार्ग :

वन विहार स्थल नक्शे के लिये यहॉं क्लिक करें | 491KB

 

रामू द्वार चीकू द्वार

प्रात: भ्रमण प्रपत्र :

डाउनलोड करें | 66KB

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