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मध्यप्रदेश के वनों की उत्पादकता बढ़ाने एवं वन क्षेत्रों के बाहर सामुदायिक एवं निजी भूमि पर वनीकरण कार्य किया जाकर वनोपज की आवश्यकता की पूर्ति हेतु प्रत्येक कृषि जलवायु प्रक्षेत्र में क्रमशः बैतूल, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, झाबुआ, खंडवा, रतलाम, रीवा, सागर एवं सिवनी में सामाजिक वानिकी वन वृत्त स्थापित हैं। इन वृत्तों के अंतर्गत 171 सामाजिक रोपणियॉं संचालित हैं।
सामाजिक वानिकी रोपणियों से वर्ष 2024 के रोपण हेतु लगभग 5.24 करोड पौधे निवर्तित किये जा चुके हैं। विभाग से बाहर गैर वन क्षेत्रों में 33.10 लाख पौधों का निर्वर्तन किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में गैर वन क्षेत्रों में पौधों के विक्रय से माह अक्टूबर- 2025 तक राशि रू. 6.06 करोड का राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्ष 2025 के रोपण हेतु माह अगस्त- 2024 तक सामाजिक वानिकी रोपणियों में लगभग 4.90 करोड पौधों की तैयारी प्रगति पर।विभागीय रोपणों हेतु सामाजिक वानिकी रोपणी में 55,000 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर क्षेत्रीय वनमंडलों को वर्ष 2024 के रोपण हेतु प्रदाय किया गया।
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विस्तार वानिकी योजना अंतर्गत वर्षा ऋतु 2024 में क्षेत्रीय वनमंडलों के माध्यम से विभिन्न जिलों में गैर वन क्षेत्रों में विभिन्न प्रजातियों के 9.29 लाख पौधों का रोपण किया गया है प्रयागराज कुंभ में जनवरी 2025 में म.प्र. वन विभाग द्वारा वन औषधि, लघु वनोपज, वन्यप्राणी एवं विभाग की उपलब्धियों के संबंध में एक स्टॉल प्रदर्शन हेतु लगाया जा रहा है। गुजरात मॉडल की तर्ज पर प्रदेश में 4 स्थलों क्रमश: उज्जैन, सतना, छतरपुर एवं भोपाल में सांस्कृतिक वन स्थापित किये गये हैं। प्रथम वर्ष के कार्य पूर्ण किये गये। राष्ट्रीय/राजमार्ग सेंट्रल वर्ज पर रोपण हेतु राजगढ में 2, भोपाल 1, ओबेदुल्लगंज में 1 एवं सिहोर में 1 सडक मार्ग चयनित कर वृक्षारोपण कार्य किया गया है।
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अध्ययन एवं अनुसंधान योजना अंतर्गत राज्य वन अनुसंधान संस्थान के माध्यम से 2 एवं ऊष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान के माध्यम से 3 अनुसंधान परियोजना संचालित की गई।
विभागीय पत्रिका ‘‘म.प्र. वनांचल संदेश‘‘ के 24 संस्करणों का प्रकाशन किया गया है।
- मध्यप्रदेश के वनों की उत्पादकता बढ़ाने एवं वन क्षेत्रों के बाहर सामुदायिक एवं निजी भूमि पर वनीकरण कार्य किया जाकर वनोपज की आवश्यकता की पूर्ति हेतु प्रत्येक कृषि जलवायु प्रक्षेत्र में क्रमशः बैतूल, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, झाबुआ, खंडवा, रतलाम, रीवा, सागर एवं सिवनी में सामाजिक वानिकी वन वृत्त स्थापित हैं। इन वृत्तों के अंतर्गत 171 सामाजिक वानिकी रोपणियों संचालित हैं।
- कैम्पा योजना के लिये वर्ष 2026 के रोपण हेतु 198.32 लाख एवं वर्ष 2027 के रोपण हेतु 181.50 लाख पौधों की तैयारी का कार्य प्रगति पर। कार्य आयोजना क्रियान्वयन एवं गैर वन क्षेत्रों के लिये विभागीय योजना नर्सरियों में पौधा तैयारी (6397) अंतर्गत 97.00 लाख मिश्रित प्रजाति के पौधों की तैयारी का कार्य प्रगति पर है।
- सागौन एवं बांस पौधों की तैयारी हेतु सामाजिक वानिकी वन वृत्तों की रोपणियों में विभागीय योजना नर्सरियों में पौधा तैयारी अंतर्गत 46100 मदर बेड्स तैयार किये गये हैं।
- सामाजिक वानिकी रोपणियों से वर्षा ऋतु 2025 में 5.74 करोड पौधे निवर्तित किये गये। वित्तीय वर्ष 2025-26 में गैर वन क्षेत्रों में पौधों के विक्रय से माह अक्टूबर 2025 तक राशि रू. 4.75 करोड का राजस्व प्राप्त हो चुका है।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 में लगभग दो वर्ष के उपरांत सामाजिक वानिकी वन वृत्त की रोपणियों में पौधों की तैयारी की दरों एवं विक्रय दरों का युक्तियुक्तकरण किया गया।
- भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के निर्देशानुसार "एक पेड मॉ के नाम" अभियान के अंतर्गत प्रदेश वन विभाग द्वारा विभिन्न स्थलों पर 5.55 करोड पौधों का रोपण किया गया।
- माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप समस्त सामाजिक वानिकी वन वृत्तों में "स्व सहायता समूहों के माध्यम से रोपणियों में पौधा तैयारी" का कार्य प्रारंभ किया गया।
- प्रदेश में 4 स्थलों क्रमशः उज्जैन, सतना, छतरपुर एवं भोपाल में सांस्कृतिक वन स्थापित किये गये। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के कार्य पूर्ण किये गये।
- माननीय मुख्यमंत्री जी से प्राप्त निर्देशानुसार बुरहानपुर, टीकमगढ, मंदसौर में नये सास्कृतिक वन स्थापना के प्रस्ताव शासन, वन विभाग के माध्यम से एप्को को प्रेषित किये गये।
- विस्तार वानिकी योजना (2536) अंतर्गत वर्ष 2025-26 में क्षेत्रीय वनमंडलों के माध्यम से लगभग 780 हे. क्षेत्र में रखरखाव एवं नये वृक्षारोपण का कार्य प्रगति पर।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 में अध्ययन एवं अनुसंधान योजना (5108) अंतर्गत राज्य वन अनुसंधान संस्थान के 1 एवं ऊष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान के 3 परियोजना हेतु अनुदान विमुक्त किया गया।
- विभागीय पत्रिका "म०प्र० वनांचल संदेश" के 24 संस्करणों का प्रकाशन किया गया है।
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