राज्य शासन द्वारा वन्यप्राणी संरक्षण को उच्च प्राथमिकता दी गई है। मध्यप्रदेश में वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों का क्षेत्रफल 11198.954 वर्ग किलोमीटर है। प्रदेश में 11 राष्ट्रीय उद्यान एवं 24 वन्यप्राणी अभयारण्य हैं। कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना, पेंच, सतपुड़ा एवं संजय राष्ट्रीय उद्यानों तथा इनके निकटवर्ती 07 अभयारण्यों को समाहित कर प्रदेश में 07 टाइगर रिजर्व धिसूचित हैं। इन 07 टाइगर रिजर्व का कोर ज़ोन 6187.646 वर्ग कि.मी. तथा बफर ज़ोन 8015.255 वर्ग कि.मी. है। डिण्डौरी जिले के घुघवा में फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान स्थित है जहाँ 06 करोड़ वर्ष तक पुराने जीवाश्म संरक्षित किये गये हैं। धार जिले में “डायनोसोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान, बाग“ स्थापित किया गया है। भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान को आधुनिक चिड़ियाघर के रूप में मान्यता प्राप्त है। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के सहयोग से केरवा, भोपाल में गिद्धों के संरक्षण हेतु प्रजनन केन्द्र की स्थापना की गई है। इसके अतिरिक्त मुकुन्दपुर, जिला सतना में व्हाइट टाइगर सफारी एवं चिड़ियाघर स्थापित किया गया है। प्रदेश के रायसेन जिले में प्रदेश का पहला डोम आधारित बटरफ्लाई पार्क बनाया गया है। बाघ, बारासिंघा, मगर, डॉल्फिन, घड़ियाल, तेन्दुआ, गौर एवं काला हिरण प्रदेश को पहचान देने वाली मुख्य वन्यप्राणी प्रजातियां हैं। प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों की सूची परिशिष्ट-20 में दी गई है। प्रदेश के कुछ संरक्षित क्षेत्रों के गठन की अंतिम अधिसूचना जारी होना शेष है। प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों की अंतिम अधिसूचना की स्थिति परिशिष्ट-21,22 एवं 23 में संलग्न है।
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