- मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी:-
मध्य प्रदेश शासन ने वर्ष 1997 में नवाचार करते हुये मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति की स्थापना मध्य प्रदेश सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के अंतर्गत 15 जनवरी 1997 को की गई थी। समिति का पंजीयन क्रमांक 4263/97 है। समिति एवं आम सभा के अध्यक्ष, माननीय प्रभारी वनमंत्री, म.प्र. शासन है एवं शासी निकाय के अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव, वन म.प्र. शासन है। समिति के सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक है। यह गैर शासकीय संगठन जन सहयोग एवं अन्य संस्थानों के साथ मिलकर प्रदेश में वन्यप्राणी संरक्षण का कार्य करता है। विभिन्न सहयोगियों से प्राप्त होने वाले दान राशि एवं सामग्री को संरक्षित क्षेत्रों में आवश्यक विशिष्ट प्रबंधकीय जरूरतों को उपलब्ध कराता है इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश टाइगर फांउडेशन समिति जन समुदाय में वन्यजीव संरक्षण के प्रति जुडाव बढाने के लिये विभिन्न अभियान आयोजित करती है। मध्यप्रदेश टाइगर फांउडेशन समिति की वर्ष 2024 की गतिविधियां निम्नानुसार है:-
- वन एवं वन्यजीव संरक्षण हेतु कार्य करने वाली विभिन्न अशासकीय संस्थाओं से दान स्वरूप प्राप्त राशि अथवा सामग्री का उपयोग प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों, राष्ट्रीय उद्यान, वनमंडलों अंतर्गत हेबीटेट मैनेजमेंट, कौशल उन्नयन, प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम, रेस्क्यू वाहन एवं अन्य उपकरण क्रय, कर्मचारी कल्याण आदि कार्यों में किया जाता है।
- वन एवं वन्यजीव संरक्षण में सीएसार अंतर्गत सहयोग हेतु सीएसआर मीट "The Friend of Tigers" का आयोजन पेंच टाईगर रिजर्व में दिनांक 26.05.2024 को किया गया। उक्त मीट में कुल 73 प्रतिनिधि सम्मिलित हुये, जिसमें निजी संस्थाओं, सहयोगी संस्थाओं, एंजीओ से 47 प्रतिनिधि एवं वरिष्ठ वनाधिकारियों 26 उपस्थित थे। उक्त बैठक का उद्देश्य वन एवं वन्यजीव संरक्षण में सीएसआर सहयोग को बढावा देने के लिये किया गया था।
- प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2024 का आयोजन मुख्यालय स्तर पर डॉ. मोहन यादव, माननीय मुख्यमंत्री, म.प्र. शासन के मुख्य आतिथ्य में किया गया। उक्त प्रोग्राम में विभागीय प्रकाशनों का विमोचन विलेज रिलोकेशन सतपुडा मॉडल, पेंच टाईगर व्हिवियर एक्टिविटी किट-3, कान्हा की कहानियां (द कॉर्बेट फाउंडेशन, मुम्बई द्वारा प्रकाशित) किया गया एवं लघु वृत्तचित्रों का विमोचन टाईगर वारियर्स, पेंच लेंड ऑफ जंगल बुक, गौर ट्रांसलोकेशन किया गया ।
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