राज्य की वर्तमान पुनरीक्षित निस्तार नीति 10 मार्च, 2019 से लागू है। इससे पूर्व यह नीति 01 जुलाई 1996 को पुनरीक्षित की गई थी। इस नीति में निस्तार सुविधा की पात्रता वनों की सीमा से 5 कि.मी. की परिधि में बसे परिवारों को ही दी गई है, जिन्हें घरेलू उपयोग के लिये बांस, छोटी ईमारती लकड़ी(बल्ली) हल, बक्खर बनाने की लकड़ी तथा जलाऊ लकड़ी रियायती दरों पर दी जाती है। इस हेतु राज्य में 1814 निस्तार डिपो संचालित है। इसके साथ-साथ स्वयं के उपयोग के लिये वनों से सिरबोझ द्वारा गिरी पड़ी, मरी, सूखी जलाऊ लकड़ी लाने की सुविधा भी पूर्व अनुसार दी जा रही है । राज्य में 24,058 बसोड़ परिवार पंजीकृत हैं। बसोड़ परिवारों को रॉयल्टी मुक्त दर पर बांस उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे ही बेगा आदिवासियों तथा अन्य ऐसे समुदायों, जो बांस का सामान बनाकर जीविकोपार्जन करते हैं, को भी निस्तार दरों पर बांस उपलब्ध कराया जाता है। म0प्र0 शासन के पत्र क्रमांक एफ-07-02/2006/10-3 दिनांक 10 मार्च 2019 द्वारा पान बरेजा परिवारों को निस्तार नीति में सम्मिलित करते हुये निस्तार दर पर बांस प्रदाय करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रदेश में निस्तार व्यवस्था के तहत वर्ष 2023 में प्रदाय वनोपज का विवरण तालिका में दर्शित हैः-
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